बलिया में दो बाइकों की आमने-सामने टक्कर मासूम समेत चार लोगों की मौत।

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सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के जमुई चट्टी अंतर्गत भागड़ पुलिया के पास सोमवार की दोपहर दो बाइकों की आमने-सामने टक्कर हो गई। हादसे में चार वर्षीय बालक सहित कुल चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। आसपास मौजूद लोगों ने सभी घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरपुर पहुंचाया, जहां डॉक्टर ने बालक सहित तीन लोगों को मृत घोषित कर दिया। वहीं एक की हालत गंभीर होने पर प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल भेज दिया। वहां चौथे युवक विवेक शर्मा 922) की भी इलाज के लिए मऊ ले जाते समय रतनपुरा के पास रास्ते में ही मौत हो गई है।

पुलिस ने तीनों शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बलिया भेज दिया। जानकारी के अनुसार, सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के बरहुचा गांव निवासी प्रदीप उम्र (25) अपने भतीजे अगसत्या (4) पुत्र विनोद के साथ अपनी बहन नेहा को उसके ससुराल कथवलिया छोड़कर अपने घर वापस बरहुचा बाइक से आ रहा था। अभी वह जमुई चट्टी के समीप भागड़ पुलिया के पास पहुंचा था, तभी विपरीत दिशा से घाघरा नदी से स्नान कर वापस आ रहे सिकंदरपुर कस्बा के महावीर स्थान निवासी लक्ष्मण चौरसिया (23) पुत्र गिरजा चौरसिया, उसका दोस्त विवेक शर्मा (22) पुत्र कालीकांत शर्मा निवासी गोला बाजार की बाइक से जोरदार टक्कर हो गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि दोनों बाइकों के परखच्चे उड़ गए। वहीं, दोनों बाइक पर सवार चारों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। टक्कर की आवाज सुनकर आसपास मौजूद लोग सभी घायल को एंबुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरपुर पहुंचाया, जहां मौजूद डॉक्टर ने अगसत्या, प्रदीप व लक्ष्मण चौरसिया को मृत घोषित कर दिया। वहीं, घायल विवेक शर्मा को प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर होने पर जिला अस्पताल भेज दिया। जैसे ही घटना की जानकारी कस्बा सहित बरहुचा गांव के लोगों को लगी चारों तरफ शोक की लहर दौड़ गई। वहीं, सैकड़ों की संख्या में लोग अस्पताल पहुंच गए। इस घटना ने खुशी के इस त्यौहार को गम में बदल दिया। भाई और भतीजे का शव देखकर बेहोश हुई बहनसोमवार को सड़क दुर्घटना से हुई तीन लोगों की मौत ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। थोड़ी देर में खुशी का त्योहार गम में बदल गया। घटना के बाद अस्पताल पहुंचे प्रदीप के पिता मनोज व प्रदीप की बहन नेहा का रो-रोकर बुरा हाल था। बार-बार नेहा अपने भाई और भतीजे का शव देखने के बाद गिरकर अस्पताल में बेहोश हो जा रही थी। बार-बार नेहा एक ही बात कह रही थी की बाबू हमको छोड़ने नहीं गया होता तो यह घटना नहीं होती। वह बार-बार अपने आप को कोस रही थी। यह देख लोगों के आंखों से आंसू आ जा रहे थे। मृतक प्रदीप के पिता की माने तो प्रदीप पटना में नौकरी करता था। दो दिन पहले ही वह होली का त्यौहार मनाने के लिए घर आया था। उससे मिलने के लिए नेहा दो दिन पहले ही बरहुचा आई थी। आज होली का त्यौहार होने के कारण प्रदीप अपने बहन नेहा को अपने भतीजे अगसत्या के साथ छोड़ने उसके ससुराल कथवलिया गया था और छोड़कर बाइक से अपने भतीजे के साथ घर आ रहा था, लेकिन ऊपर वाले को तो कुछ और ही मंजूर था। देखते ही देखते एक ही परिवार के चाचा भतीजे की मौत ने परिवार सहित पूरे गांव के लोगों को झकझोर कर रख दिया।

बेटे का शव देख बेसुध हुआ पिता

मृतक लक्ष्मण चौरसिया के पिता गिरिजा चौरसिया का हालत यह था कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरपुर पहुंचने के बाद बेहोश होकर बार-बार गिर जा रहे थे फिर पानी की छीटा मार कर उनको होश में लाया जा रहा था। डॉक्टरों की टीम द्वारा लगातार बल्ड प्रेशर नापा जा रहा था। जैसे ही होश में आते तो दहाड़े मार-मारकर रोने लगते थे।

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