ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और वहां के विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियान समेत नौ,लोगों की हेलीकॉप्टर क्रैश होने की वजह से मौत

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ईरान के हेलिकॉप्टर हादसे में दुखद खबर आई है. इस घटना में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी (63 वर्ष) की मौत की खबर आ रही है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने एक ईरानी अधिकारी के हवाले से कहा कि रेस्क्यू टीमों ने दुर्घटनाग्रस्त हेलिकॉप्टर के मलबे का पता लगा लिया है, और इस बात की उम्मीद बहुत कम है कि ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और उनके विदेश मंत्री बर्फीले मौसम के बीच पहाड़ी इलाके में हुए इस हेलिकॉप्टर दुर्घटना में जीवित बचे हों.

ईरान के प्रेस टीवी ने एक्स पोस्ट में लिखा, ‘बचाव दल ने राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के दुर्घटनाग्रस्त हेलिकॉप्टर की पहचान कर ली है. किसी भी जीवित व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिला है बता दें कि राष्ट्रपति के काफिले में तीन हेलिकॉप्टर शामिल थे,

जिनमें से दो तो सुरक्षित लौट आए, लेकिन वह हेलिकॉप्टर वापस नहीं लौटा जिसमें इब्राहिम रईसी के साथ ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर मालेक रहमती और धार्मिक नेता मोहम्मद अली आले-हाशेम भी सवार थे.

अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया, ‘दुर्घटना में राष्ट्रपति रईसी का हेलिकॉप्टर पूरी तरह से जल गया…दुर्भाग्य से इसमें सवार सभी लोगों के मारे जाने की आशंका है. पूर्वी अजरबैजान प्रांत के पहाड़ी इलाके में क्रैश हुए हेलिकॉप्टर के मलबे तक पहुंचने के लिए बचाव दल रात भर बर्फीले तूफान के बीच संघर्ष करते रहे.

तब सोमवार तड़के रेस्क्यू टीम घटनास्थल तक पहुंच सकी. खराब मौसम की वजह से रेस्क्यू टीम को घटनास्थल तक पहुंचने में करीब 17 घंटे लग गए. ईरान के रेड क्रिसेंट प्रमुख पिरहोसैन कोलिवांड ने वहां की स्टेट मीडिया को बताया,

हम क्रैश साइट पर पहुंच गए हैं, मलबा देखकर कह सकते हैं और किसी के बचने की उम्मीद नहीं है.ईरानी रेड क्रिसेंट सोसाइटी ईरान का एक गैर सरकारी संगठन है. इसकी मुख्य गतिविधि प्राकृतिक आपदाओं और दुर्घटनाओं में पीड़ितों और घायलों की मदद के लिए राहत और बचाव कार्य करना है.

घटना के बाद से ही 40 अलग-अलग रेस्क्यू टीम को जंगलों और पहाड़ी इलाकों में भेजा गया था. लेकिन बेहद खराब मौसम के कारण इस क्षेत्र में पहुंचना बहुत मुश्किल हो गया था. जबकि आकाश मार्ग से वहां पहुंचना संभव नहीं है. पहाड़ी इलाके और भौगोलिक बाधाओं की वजह से राष्ट्रपति की टीम के साथ गए लोगों से संचार लगभग असंभव हो गया था.

एक ईरानी टेलीविजन रिपोर्टर ने कहा कि जैसे-जैसे शाम हुई अंधेरा बढ़ता गया और ठंड भी बढ़ती गई. इलाके में सड़कें पक्की नहीं होने, बारिश और कीचड़ होने की वजह से रेस्क्यू टीम को घटनास्थल तक पहंचने में काफी दिक्कत हुई.

हादसे की वजह क्या?

इस दुर्घटना की असल वजह तो हेलिकॉप्टर रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने के बाद सामने आ सकती है. हालांकि, ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शुरुआती कारण खराब मौसम को बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि खराब मौसम की वजह से इस हेलिकॉप्टर की ‘हार्ड लैंडिंग’ हुई. तेहरान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक हादसा घने कोहरे की वजह से हुआ है.

दुर्घटना तेहरान से करीब 600 किलोमीटर (375 मील) उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान प्रांत की सीमा पर जोल्फा के पास हुआ है. हेलिकॉप्टर सुंगुन नामक तांबे की खदान के पास दुर्घटनाग्रस्त हुआ. यह ईरान के पूर्वी अजरबैजान प्रांत के जोल्फा और वरजकान के बीच स्थित है.

अमेरिकी हेलिकॉप्टर में भर रहे थे उड़ान

बता दें कि 63 वर्षीय इब्राहिम रईसी 2021 में ईरान के राष्ट्रपति चुने गए थे. पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने नैतिकता कानूनों (Morality Laws) को कड़ा करने का आदेश दिया. उनके कार्यकाल में सरकार विरोधी प्रदर्शनों पर सुरक्षा बलों ने हिंसक कार्रवाई की. उन्होंने विश्व के शक्तिशाली देशों के साथ परमाणु वार्ता के दौरान ईरान को परमाणु संपन्न राष्ट्र बनाने के लिए कड़ी मेहनत की. ईरान की स्टेट न्यूज एजेंसी आईआरएनए ने कहा कि रायसी अमेरिका निर्मित बेल 212 हेलीकॉप्टर में उड़ान भर रहे थे.

सुप्रीम लीडर ने जारी किया बयान

हादसे के बाद राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी को लेकर पूरा ईरान चिंता में डूबा हुआ था. घटना के बाद वहां के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खुमैनी ने भी अपना बयान जारी किया था. तब उन्होंने कहा था,’हमें उम्मीद है कि खुदा राष्ट्रपति और उनके साथियों को राष्ट्र की बाहों में लौटा देंगे.

सभी को उन लोगों की बेहतरी के लिए दुआ करनी चाहिए. ईरान के लोगों को हादसे के लिए चिंतित होने की जरूरत नहीं है. देश में चल रहे किसी भी काम में कोई रुकावट नहीं आएगी.’ हालांकि ताजा जानकारी के अनुसार राष्ट्रपति रईसी की इस हादसे में मौत हो चुकी है.

अजरबैजान क्यों गए थे रईसी ?

दरअसल, ईरान और अजरबैजान अपने रिश्तों को सुधारने के लिहाज से अजरबैजान में सामूहिक डैम का निर्माण कर रहे हैं. इस कड़ी में यह तीसरा बांध था, जिसका उद्घाटन करने इब्राहिम रईसी अजरबैजान गए हुए थे. उद्घाटन कार्यक्रम के लिए उन्हें अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने आमंत्रित किया था.

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