इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने लोकसभा चुनाव के दौरान जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को दिया जमानत

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पूर्व सांसद और बाहुबली धनंजय सिंह को शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई है। हालांकि हाईकोर्ट ने सात साल की सजा को बरकरार रखा है। वो अभी चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को जमानत दे दी।

साथ ही सजा को रद्द करने की मांग कोर्ट ने खारिज कर दी है। ऐसे में वह अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। जस्टिस संजय कुमार सिंह की बेंच ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह को जमानत दी है। आपको बता दें कि वादी अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को लाइन बाजार थाने में पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत दो के खिलाफ अपहरण और रंगदारी की प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

इसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। इस मामले में वो तीन माह जिला कारागार में बंद रहे। इसके बाद पूर्व सांसद धनंजय सिंह की जमानत हुई। मामले में पुलिस ने विवेचना करके तीन माह के अंदर कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया।

अपहरण और जबरन वसूली मामले में सात साल की कैद की सजा

जौनपुर की MP/MLA कोर्ट ने दो अप्रैल 2022 को धनंजय और सहयोगी पर आरोप तय किए थे। इसके बाद 130 तारीखों की सुनवाई के बाद पांच मार्च 2023 को धनंजय समेत दो को दोषी पाया गया। इसके बाद छह मार्च 2024 को सात साल की सजा और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था।

गौरतलब है कि पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने जौनपुर की विशेष अदालत से मिली सात साल की सजा के खिलाफ पिछले महीने हाईकोर्ट में अपील दाखिल कर अंतिम फैसला आने तक सजा पर रोक लगाए जाने और जमानत पर जेल से रिहा किए जाने की मांग की थी।

धनंजय सिंह की अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में चली सुनवाई गुरुवार को पूरी हो गई थी। मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की एकल पीठ ने सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

शनिवार को अदालत ने फैसला सुनाया। अब शनिवार को हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए उन्हें जमानत दे दी, हालांकि कोर्ट ने उनकी सजा पर लगाने से इनकार कर दिया, ऐसे में सात साल की सजा बरकरार रहेगी। हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी धनंजय चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।

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