मुरादाबाद के जीआईसी के मैदान में रविवार आयोजित जनसभा में कार्यकर्ताओं को रोकने पर सपा-कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी रुचि वीरा पुलिस पर झल्ला उठीं। उन्होंने चुनावी मंच से ललकारा और कहा कि पुलिस अधिकारी और कर्मचारी अपनी औकात में रहें। बिना किसी का नाम लिए बिना कहा कि मुरादाबाद से चुनाव जीतूंगी और भेड़िए का शिकार करूंगी।
शहर के जीआईसी मैदान में रविवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश की जनसभा आयोजित की गई थी। लेकिन मौसम खराब होने के कारण वह नहीं आ सके। मंच पर मौजूद कांग्रेस और सपा नेता जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस बीच सपा-कांग्रेस गठबंधन उम्मीदवार रुचि वीरा कुर्सी से उठीं और माइक से कहा कि पुलिस अधिकारी और कर्मचारी उनके कार्यकर्ताओं को जनसभा में आने से रोक रहे हैं।
जो लोग मैदान में आ गए हैं, उन्हें भगा रहे हैं। शहर के बाहर ही बसें रोकी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी और कर्मचारी अपनी औकात में रहें। भाजपा के लिए काम करना बंद कर दें। दूसरे नेताओं ने भी उनकी इस बात का समर्थन किया। रुचि वीरा ने कहा कि मुरादाबाद में मेरा मायका और बिजनौर में मेरी ससुराल है।
मुरादाबाद से मेरा पुराना नाता है। मैंने यहां हिंदू कॉलेज में पढ़ाई की है। जब नरेंद्र मोदी गुजरात से आकर चुनाव लड़ सकते हैं तो मैं बिजनौर से आकर अपने मायके में चुनाव क्यों नहीं लड़ सकती हूं। कहा कि मैं जगह-जगह जा रही हूं, उन्हें एक शब्द भेड़िया सुनने को मिल रहा है। मैं आप लोगों के आशीर्वाद से चुनाव जीत रही हूं और उस भेड़िए का मैं शिकार करूंगी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मौसम खराब होने के कारण नहीं आ पाए।
जनसभा में नहीं गए सांसद एसटी हसन
सपा प्रत्याशी के समर्थन में आयोजित जनसभा में सांसद डॉ. एसटी हसन नहीं आए। उन्होंने बताया कि यदि अखिलेश यादव बुलाते तो आ सकते थे। पार्टी प्रत्याशी के प्रचार से वह पहले से दूरी बनाए हुए हैं। सपा सांसद डॉ. एसटी हसन ने बताया कि उनके घर अखिलेश यादव आते रहते थे। अभी भी वह राष्ट्रीय अध्यक्ष के घर आने की प्रतीक्षा कर रहे थे। अखिलेश यादव के बुलाने पर वह मंच साझा करने के लिए जा सकते थे। जनसभा में भी वह नहीं आए। सांसद ने भाजपा के संकल्प पत्र पर भी कटाक्ष किया। कहा कि भाजपा की नियत में खोट है।
वह वन नेशन वन इलेक्शन की आड़ में गैर भाजपा सरकारों को बर्खास्त करना चाहती है।जनसभा में पूर्व जिलाध्यक्ष डीपी यादव भी नहीं दिखे। पूछने पर डीपी यादव ने बताया कि वह गए थे लेकिन पता चला कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव नहीं आ रहे हैं। इसी कारण वह एक रिश्तेदारी में चले गए। पार्टी के कार्यक्रम में वह बराबर शामिल होते हैं।