दशाश्वमेध थाने के एक दरोगा से गालीगलौज और मारपीट मामले में पुलिस आरोपियों को खोज रही है। इस बीच तीन आरोपी वारदात के 24 घंटे के बाद एक धार्मिक संगठन की शोभायात्रा में चितरंजन पार्क तक साथ देखे गए।
खास बात थी कि एसीपी, इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर और 30 से अधिक पुलिसकर्मी शोभायात्रा की सुरक्षा में तैनात रहे, लेकिन आरोपियों से कोई पूछताछ नहीं की गई। वहीं, नामजद आरोपी नितेश नरसिंघानी ने बुधवार को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय साकेत मिश्रा की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया।
कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में लेकर उसे जेल भेज दिया। नितेश नरसिंघानिया ने अधिवक्ता के जरिये कोर्ट में समर्पण किया। आत्म समर्पण प्रार्थना पत्र पर पहले वांछित आख्या मंगवाने की गुहार लगाई, तब आत्म समर्पण स्वीकार करने की बात कहीं गई।
इस पर बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने आपत्ति की और अपने कथन के समर्थन में उच्च न्यायालय की नजीर दाखिल की। अदालत ने रिमांड बनाने को लेकर दोनों पक्षों की बहस के बाद आरोपी को न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेजा। उपनिरीक्षक आनंद प्रकाश ने दशाश्वमेध थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि रविवार रात वह गोदौलिया चौराहे पर वाहन की चेकिंग कर रहे थे।
उस दौरान नारंगी रंग की बिना नंबर प्लेट की बाइक से युवक बांसफाटक से दशाश्वमेध की तरफ जा रहा था। नंबर प्लेट न होने, हेलमेट न लगाने के कारण के साथ वाहन के कागजात मांगे तो वह अपशब्दों का प्रयोग करने लगा। इसी दौरान दो बाइक से कुछ अज्ञात आए और हमराही समेत पुलिस वालों को गालीगलौज देते हुए धक्का देकर नीचे गिरा दिया
4 आरोपी अब भी फरार
गोदौलिया चौराहे पर रविवार रात दरोगा आनंद प्रकाश को पीटने वाले तीन अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की तीन टीमें लगातार दबिश दे रही हैं। तीन अन्य आरोपियों में गप्पू सिंह, नितीश सिंह रौनक और आशुतोष उर्फ शनि, राहुल सिंह की गिरफ्तारी के लिए 20 ठिकानों पर पुलिस ने दबिश दी है। हालांकि अब तक पुलिस को कुछ ठोस जानकारी नहीं मिल सकी है। उधर, दशाश्वमेध थाने की पुलिस ने एक और नामजद आरोपी का नाम मुकदमा में जोड़ा था, लेकिन चेतगंज के एक रसूखदार नेता के कहने पर नाम हटा दिया गया।