बॉलीवुड के कई सितारे कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी की चपेट में आए हैं और उससे पार भी पाए है। इसमें मनीषा कोइराला भी शामिल हैं, जिन्होंने इस बीमारी को शिकस्त दी और आज दोबारा पर्दे पर उसी जोश के साथ नजर आ रही हैं।
जैसे लोगों ने उन्हें हमेशा देखा है। एक इंटरव्यू में एक्ट्रेस ने बताया कि कैसे कैसर से उनकी लड़ाई ने उनके रिश्तों के बारे में एहसास करवाया। जब उन्हें कैंसर हुआ तो उस वक्त जिन दोस्तों पर भरोसा करती थीं, उन्होंने उनका साथ छोड़ दिया। इस मुश्किल समय में उनके पास सिर्फ परिवार ही था। लेकिन वह भी उनसे मिलने नहीं आया।
मनीषा कोइराला ने The Headline Up से खास बातचीत में बताया कि कैसे उस मुश्किल समय में दोस्तों और परिवार के साथ रिश्ते बदल गए। उन्होंने बताया, ‘यह एक सफर रहा। सीखने वाला अनुभव भी था। मुझे ऐसा भरोसा था कि मेरे कई दोस्त हैं। मैंने सोचा किसी के साथ पार्टी करूंगी, किसी के साथ घूमने जाऊंगी, किसी के साथ मस्ती करूंगी।
वो लोग मेरे दर्द में मेरे साथ होंगे। लेकिन ऐसा नहीं था। लोग अपना दर्द तो दूर दूसरों का भी दर्द लेकर नहीं बैठ पाते हैं। हम हमेशा दर्द महसूस ना करने के बहाने ढूंढने की कोशिश करते हैं। हम दर्द से बचना चाहते हैं और ये इंसानी प्रवृत्ति है। मैंने खुद को अकेला पाया और मुझे एहसास हुआ कि मेरे पास अब परिवार ही है।
मनीषा कोइराला को करीबी परिवार का मिला था साथ
मनीषा कोइराला ने अपने परिवार के बारे में बात करते हुए कहा, ‘मुझे उस वक्त लगा कि मेरे पास एक बहुत बड़ा कोइराला खानदान है। लेकिन कोई नहीं था। परिवार में हर कोई समृद्ध है। हर कोई इसका भार उठा सकता है।
लेकिन मेरे माता-पिता, भाई और उनकी पत्नी ही थे। और कोई नहीं। बाद में मुझे एहसास हुआ कि जब सब मुझे छोड़ देंगे तो यही लोग मेरे साथ होंगे। मेरी प्रायोरिटी मेरे करीबी परिवारवाले हैं। फिर चाहे कुछ भी हो। वो मेरी लाइफ में सबसे पहले आते हैं और बाकी सब बाद में।
मनीषा कोइराला को हुआ था कैंसर
मनीषा कोइराला को 2012 में कैंसर का पता चला था। न्यूयॉर्क में उनका इलाज हुआ था। जहां से वह तीन साल में ठीक हो गई थीं। इंटरव्यू में बताया कि उनकी वो बीमारी उनके काम और उनकी मानसिक स्थिति को प्रभावित करती है। जिसके बारे में उन्हें ‘हीरामंडी’ की शूटिंग के दौरान मालूम हुआ। लेकिन उन्होंने उन्होंने चुनौतियों का सामना किया और फोक्स होकर काम किया।