मुगलसराय कोवताली क्षेत्र अंतर्गत काली मंदिर के पास एक महिला के मोबाइल पर किसी अनजान नंबर से फोन आया। महिला ने फोन उठाया तो उधर से उसके ही बेटे की हुबहू आवाज आई-रोते हुए बोला कि मां मुझे बचा लो। इसके बाद बदमाश ने महिला से कहा कि तुम्हारे बेटे का अपहरण हो चुका है। 50 हजार रुपये की व्यवस्था जल्द करो वरना इसको जान से मार देंगे यह सुनकर महिला सड़क पर ही दहाड़ मारकर रोने लगी। पहुंची पुलिस ने जब पड़ताल कि तो मामला एआई से ठगी का निकला।
महिला का पुत्र अपने कार्यालय में सुरक्षित मिला। बेटे से बात कर महिला राहत की सांस ली।जैसे-जैसे तकनीक का विकास हो रहा है। वैसे-वैसे इसका दुरूपयोग भी बढ़ा है। ताजा मामला मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र है। पुलिस के अनुसार चंदौली कोतवाली क्षेत्र की रहने वाली एक महिला बुधवार को पीडीडीयू नगर में अपने रिश्तेदार के घर आई हुई थी। इस दौरान उसके मोबाइल पर एक व्यक्ति का फोन आया। उस व्यकित ने महिला को बताया कि तुम्हारे बेटे का अपहरण हो चुका है। उस व्यक्ति ने महिला से 50 हजार की व्यवस्था करने को कहा। पैसे नहीं मिलने पर जान से मारने की धमकी दी। इस दौरान उसने मोबाइल पर महिला को उसके पुत्र के चीखने की आवाज भी सुनाई।
कहा, अभी व्यवस्था करो, वरना जान से मार देंगे
पुत्र की आवाज सुनकर महिला के होश उड़ गए। वह काली मंदिर के पास सड़क पर चिल्ला-चिल्लाकर पुत्र के बचाने की गुहार लोगों से लगाने लगी। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी उसे मुगलसराय कोतवाली ले आये। मुगलसराय कोतवाली प्रभारी विजय बहादुर यादव ने बताया कि मामले को समझते हुए महिला के पुत्र के मोबाइल पर फोन लगाया। पुत्र के फोन उठाते हुए महिला ने राहत की सांस ली। पुत्र ने जानकारी दी कि वह सुरक्षित है और पार्टी कार्यालय में बैठा है।
साइबर ठगों ने पहले भी किया है एआई तकनीक का प्रयोग
जिले में एआई के जरिये फिरौती मांगने के कई मामले सामने आ चुके है। जनवरी माह में पीडीडीयू नगर के रहने वाले एक व्यक्ति को फोन करके उसके पुत्र के गर्लफ्रेंड के साथ दुष्कर्म करते पकड़ने जाने की बात कही थी। फोन करने वालों ने उसे छोड़ने के एवज में एक लाख की फिरौती मांगी थी। बाद में पूरा मामला फर्जी निकाला। वहीं चंदौली में एक युवक के मोबाइल पर उसके मित्र की आवाज में वॉइस मैसेज आया। जिसमें दस हजार रुपये की मांग की गई थी। बाद में पड़ताल करने पर मामला फर्जी निकला।
खुद को सीओ का मित्र सीआरपीएफ जवान बताकर 50 हजार ठगे
सीओ अनिरूद्ध सिंह ने बताया कि आर्मी के बाद अब सीआरपीएफ जवान बनकर भी ठगी किया जा रहा है। मेरी फेसबुक आइडी किसी ने हैक कर ली। मेरे एक संबंधी को फोन कर उनसे बोला कि मैं सीओ का मित्र हूं, सीआरपीएफ में जवान हूं। मेरा तबादला हो गया है, कीमती फर्नीचर पड़े हैं, जिसकी फोटो आपको भेजी है। इसे आप सस्ते में ले सकते हो। उन्होंने बिना पूछे 50 हजार रुपये उसके अकाउंट में एडवांस के रूप में डाल दिए। फिर मुझे फोन किया तो ठगी का पता लगा। पता किया तो अकाउंट होल्डर मध्यप्रदेश की एक महिला निकली। पैसे सहडौल के एटीएम से निकाले गए थे।
क्या होता है एआईएआई
यानि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अर्थ है बनावटी (कृत्रिम) तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता। इसके जरिए कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है, जिसे वैसे ही चलाया जाता है जैसे मानव मस्तिष्क काम करता है। इस तकनीक से किसी की भी आवाज कॉपी कर हूबहू उसी की आवाज में सुनाई जा सकती है। सामने वाले को एक बार भी ऐसा नहीं लगेगा कि यह उसके चाहने वाले की आवाज नहीं है। इसके तहत वीडियो और फोटो को भी एडिट कर आवाज प्रत्यारोपित किया जा सकता है। हाल ही में देश के कई बड़ी हस्तियां इसकी शिकार हुई थीं। जब उनको उनकी ही आवाज में एप पर प्रचार करते दिखाया गया।